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धोनी जैसा बोनी कप्तान से भारत टेस्ट टीम को कब छुटकारा मिलेगी ?

आत्ममंथन
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महेंद्र सिंह धोनी को दिवसीय कप्तान और खिलाडी परफॉरमेंस के आधार पर आखिर कबतक , टेस्ट मैच में कप्तानी का मोका मिलता रहेगा जबकि टेस्ट मैच में उतना अच्छा वह न खिलाडी और न ही उतना अच्छा कप्तान अपने को साबित किया बावजूद उनको इतनी अच्छी टीम मिला जो शायद किसी और कप्तान को शायद नसीब में नहीं । उसके बावजूद भी मुख्यतः टेस्ट मैच में इनके जीत का ग्राफ विदेशी धरती पर नीचे ही जा रही हैं इसका मुख्यावजह धोनी ही तो नहीं है ? धोनी के अखरियल रबैया के चलते भारत क्रिकेट टीम को खामियाजा तो भुगतना नहीं पड रहा हैं? जरुर इस तरह के ढेर सारे सवाल क्रिकेट के प्रेमी के जहन में पनप रहे जिसका जवाब प्रायः कोई देनेवाला नहीं हैं।

एक तरफ जँहा BCCI कुछ लोगो तक ही सिमित हैं, उनके दखलंदाज़ी से ऐसी टीम की चयन की जाती हैं जिसमें बस इस चीज का ख्याल रखा जाता हैं कि खिलाडी किस क्षेत्र से आता हैं और चयन कमिटी के साथ उनका सम्बन्ध कैसा हैं और उनको कप्तान कितना पसंद करता हैं ?

क्या कप्तान के पसंद और चयन कमिटी के इच्छा अनुसार जिस टीम का चयन होगी उससे एक जबर्दस्त परफॉरमेंस का उम्मीद करना कितने हद तक जायज हैं,? इसका आप खुद ही अंदाज़ा लगा सकते हैं। एक साथ गम्भीर और सेहवाग दोनों को टीम में स्थान नहीं देना उस कप्तान की मनसा पर भी सवाल उठाते हैं जो अभी खुदको बेहतरीन टेस्ट प्लेयर साबित नहीं कर सके हैं। जिस तरह का टीम दक्षिण अफ्रीका ले गया वे टीम जीतने के लिए नहीं ब्लिक BCCI, सेलेक्ट कमिटी और कप्तान के हित का ख्याल रखकर चयन किया गया था । ऐसे खिलाडी जिसे अफ्रीका के पीच पर मोका दिया जा रहा हैं जो अभी तक घेरलू पीच पर ओसतन परफॉरमेंस दिया हैं। इसलिए तो लगातर विदेश के धरती हो देश के धरती टेस्ट मैच में बढियां टीम के विरुद्ध इंडिया का परफॉरमेंस गिरता जा रहा हैं।

जँहा BCCI एक ऐसा शसक्त आर्गेनाईजेशन हैं जो भारत सरकार और खेल मंत्री को भी नहीं सुनते हैं इसलिए तो RTI के बारे में फरमान तो कई बार खेल मंत्री के तरफ से आया पर लागु करवाने की बात हो तो बेबश और लाचार खेल मंत्री दिख रहे हैं । अन्तः इसको अभी तक लागु नहीं करबा पाये हैं।

क्रिकेट को इस कदर मुनाफे का कारोबार बना कर कारोबारियो ने मुनाफा वसूल रहे हैं उनके लिए देश करोडो क्रिकेट प्रेमी का परवाह नहीं हैं। जिस खेल के ऊपर यदि भारत सरकार का कोई कण्ट्रोल न हो पर उस खेल के खिलाड़ी को भारत रत्न सम्मान देना कहाँतक मुनासिब हैं इसपर तो सवाल उठना लाज़िमी है। अब सरकार को चाहिए कि भारत के क्रिकेट प्रेमियो को ध्यान में रख कर BCCI को एक ऐसा संस्था बनाये जो किसी व्यक्ति विशेष कि बपोती न होकर पुरे देश के क्रिकेट प्रेमियो का हित का ख्याल रखनेवाली संस्था बने जो इस देश के क्रिकेट को आगे ले जाये।

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